कहता था तुझे चाहता हु दिलो जान से
अब तू ही गोलियाँ चला रहा ज़ुबान से !
हमने दलील दी तो कही रो ही न पड़े,
हमने दलील दी तो कही रो ही न पड़े
अब कौन ही बहस में पड़े बेईमान से !!!
अब कह रहा है तुझे भूल जाऊंगा
लग तो नहीं रहा अभी तक के रुझान से !!!
~ Badal Sharma.